भारत में जल की समस्या और उसका समाधान - WATER PROBLEM IN INDIA AND ITS SOLUTION

जल की समस्या 

पिछले ब्लॉग बस्ती की समस्या भाग 1 में हमने गन्दगी के बारे में बात किया था। और आज हम बस्ती की समस्या भाग 2 में "जल" के विषय में बात करने वाले है। वैसे तो जल की समस्या हर जगह है परन्तु छोटे क्षेत्र में ये समस्या थोड़ी ज्यादा गंभीर है। 


जल का महत्व 

जल एक ऐसा विषय है जो हमेश चर्चा में रहाता है। जल हमेशा चर्चा में रहता है क्यूकी इसका सम्बन्ध हमारे जीवन से है।  केवल हमारे जीवन से नहीं पुरे पृथ्वी के लिए ये आवश्यक है। अगर पृथ्वी पर जल न होता तो हम भी आज ना होते। केवल पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहा पर जल उपलब्ध है इसी कारण हम मनुष्य आज इस ग्रह पर जीवित है। 
पृथ्वी  70% जल से घिरा हुआ है पर ये जल पिने योग्य नहीं है ये समुंद्री जल है जोकि खारा जल होता है। 
केवल 2.5% जल ही उपयोग लायक है। जो की अनुमान लगाया जा रहा है जल्द ही समाप्त होने वाला है। ये जानते हुए भी हम मनुष्य इसकी चिंता नहीं कर रहे है, निरंतर जल का दुरूपयोग कर रहे है। पृथ्वी पर जल के बिना कोई भी जीव जंतु पेड पौधे जीवित नहीं रह सकते है। इसलिए हमे जल का सही तरीके से और सही मात्रा में ही जल का उपयोग करना चाहिए।  जल को वयर्थ नहीं करना चाहिए। 
शेहरी क्षेत्रो के लोगो द्वारा पानी का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है और वो ही लोग जल का दुरुपयो भी सबसे ज्यादा करते है।  जैसे -
  • गाड़ियों को पानी के पाइप से धोते है जिसमे पानी बोहोत ज्यादा मात्रा में खर्च होता है 
  • पौधो में पानी पाइप से देना तथा पानी बंद करना भूल जाना 
  • नहाने में शॉवर का उपयो अधिक समय तक करना 
  •   छोटे कामो में जल के अधिक मात्रा का उपयोग करना 
  •  त्यौहारो पर जल की बर्बादी 
ये कुछ कारण है जिसके वजह से पृथ्वी पर जल की मात्रा दिन प्रतिदिन काम होते जा रही है। छोटे क्षेत्रो में जल की कमी के कारण बोहोत से लोगो की जान भी चली जाती है। 



जल का उपयोग  

जल का उपयोग बोहोत से कामो में किया जाता है। अगर जल ना होता तो हम सायद ये काम नहीं कर पाते 
  • भोजन बनाने में - लगभग सभी भोजनो को बनाने में जल का उपयोग किया जाता है 
  • नहाने में - स्वच्छता के कार्यो में भी जलका उपयोग किया जाता है।  हम आपने आप को स्वच्छ और तजा रखने के लिए नहाते है जो की जल द्वारा ही संभव हो पता है। 
  • बिजली बनाने में - आज जो हम दिन रात उजाला में रहते है और सभी कामो को बिजली के माध्यम से करते है। इसे बनाने में भी जल का ही उपयोग किया जाया है। 
  • खुद को जीवित रखने के लिए - हमारे शरीर में 65 से 80 प्रतिशत तक जल पाया जाता है।  सभी अंगो को कार्य करने के लिए जल की आवशयकत होती है।  अगर हम जल का उपयोग ना करे तो हमारी मौत हो जाएगी। 
  • फसलों को उगाने में - हमने देखा है की बरसात के ना होने पर किसान पुम्पो द्वारा खेतो में जल का उपयो करते है। हमने ये भी देखा है की कई जगहों पर ये टैक्नॉलजी न होने के कारण कितने किशानो के फसल भी ख़राब हो जाती है। 
अब हम बात करते है की बस्ती में जल की समस्या किस प्रकार होती है , और इस समस्या को किस प्रकार काम किया जा सकता है। 

बस्ती में जल की समस्या

  

बस्ती में जल की समस्या एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान करना भी अति आवश्यक है। 
पर इस का समाधान करने से पहले हमे इन समस्याओ को समझना होगा। 
  • आस-पास गन्दगी - बोहोत से जगहों पे ये समस्या खुद बस्ती वालो द्वारा ही निर्मित किया जाता है।  जैसे आस पास कचरे का फैलाब जसिके कारण वहां  का जल का दूषित होना और उसी जल का उपयोग करना जिसके कारण कई गंभीर बीमारियो का सामना करन पड़ता है। 
  • बोरिंग का जल - बस्तियों में प्रसासन द्वारा कई बोरिंग करवाए जाते है। परन्तु बोरिंग करवा देना ही जल की समस्या का हल नहीं है। क्यूकी अधिक तर जगहों पर बोरिंग का जल पिने योग्य नहीं होता है।  जल में रेत आता है और पानी भी खरा होता है जो की पिने योग्य नहीं होता है। 
  • टैंकर का जल - बस्ती में पानी की कमी होने के कारण जलो के टैंकर का उपयोग करना पड़ता है। परन्तु टैंकर से पानी भरना जोखिम का काम होता है।  टैंकर में सिमित पानी होने के कारण लोगो को लगता है की अगर वो पहले पानी नहीं भर पाए तो हमें पानी नहीं मिलेगा। जिस कारण लोग एक शाट भीड़ में पानी भरने के लिए जाते है और जिस कारण कई लोग घायल भी हो जाते है और इस लड़ाई-झगड़ा में बोहोत ज्यादा मात्रा में जल व्यर्थ जाता है। और बोहोत से लोग को तो पानी भी नहीं मिलता है। 
  • जल के लिए दूर जाना - कई क्षेत्रो में जल उपलब्ध ना होने के कारण लगो को कही दूर से जल का प्रबंध करना पड़ता है।  लोगो को जल के लिए दुरी तय करनी पड़ती है। 

समस्याओ को कम करने का उपाय 



  • गन्दगी को कम करना - बस्तियों में लोगो द्वार आस-पास गन्दगी किया जाता है। जिससे आस-पास का जल दूषित होता है। आस पास गन्दगी फ़ैलाने पे रोक लगाया जाए जिससे आस-पास का जल स्वच्छ रहे। 
  • बोरिंग के जल की जांच - बोरिंग करवा देना ही जल का समाधान नहीं है।  जरुरी नहीं है की जो बोरिंग करवाया गया है उस में से साफ जल ही निकले जल में रेत भी आ सकती है जल खारा भी निकल सकता है।  अतः इसकी जांच करना भी अति आवश्यक है की जल पिने योग्य है भी की नहीं, अगर जल पिने योग्य नहीं है तो शहरी क्षेत्रो से पाइप लाइन द्वार स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया जाए। 
  • टैंकर के जल का सही से उपयोग - टैंकरों को उपलब्ध करवाने के बाद हमे यह भी सुनिस्चित करवाना आवश्यक है की लोग टैंकर से जल सही तरीके से भर रहे है की नहीं पानी बर्बाद तो नहीं होरहा है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उन्हें जल भरने का सही तरीका बताना चाहिए।  जैसे- लाइन में लग के पानी भरे जिससे सब का नंबर आएगा और सबको पानी मिलेगा। ऐसा करने से धक्कम-धुक्की नहीं होगी लड़ाई-झगड़ा भी नहीं होगा और पानी भी बर्बाद नहीं होगा। 
  • प्रशासन द्वारा समस्या की जाच - प्रशासन को स्वयम बस्ती में आना चाहिए और उनकी इस समस्या को समझना चाहिए और इस का अच्छा समाधान ढूढ़ना चाहिए। ताकि लोगो को भी लगे की सरकार उनके लिए कुछ कर रही है। प्रशासन का फर्ज है की वो इन लोगो की सी समस्या का हल निकले आखिर वो भी इन्सान ही है वो लोग भी जल के बिना जीवित नही रह सकते है।  एसा उन्हें सोचना पड़ेगा। 
  • जल संरक्षण - जल की समस्या को काम करने का एक माध्यम जल संरक्षण भी है। ये माध्यम बोहोत उपयोगी और सरल है।  जल संरक्षण के द्वारा बरसात के जल को उपयोग में लाया जाता है। जल संरक्षण  करने से भू-जल का स्तर भी बढ़ता है। जल संरक्षण को अपनाना बोहोत सरल है। आप को केवल अपने घर के छत पर गिराने वाले बारिश के जल को एक पाइप के माद्यम से आपके द्वारा बनाए जाए जमीन के अंदर पानी के टैंकर में जमा करना है और जब जरुरत पड़े तो इस जल का उपयोग करना है। ये माध्यम छोटे क्षेत्रो में बोहोत कार्यगर होता है। 




इस ब्लॉग में हमने जल के विषय में चर्चा किया की किस प्रकार जल हमारे लिए बोहोत कीमती चीज है और कैसे बड़े क्षेत्रो में लोगो द्वारा इसे दुरूपयोग किया जा रहा है और अंत में हमने बात किया की जल बस्तीवालों के लिए किस प्रकार एक समस्या है और इस समस्या को किस प्रकार काम किया जा सकता है। 
 

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